जैसलमेर के मोहनगढ़ इलाके में बोरवेल खोदते समय एक अनोखी घटना घटी। खुदाई के दौरान अचानक जमीन फट गई और बड़ी मात्रा में पानी तेजी से बाहर निकलने लगा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सरस्वती नदी से जोड़ रहे लोग
स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि ये पानी प्राचीन सरस्वती नदी से जुड़ा हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि सरस्वती गंगा, जो समय के साथ विलुप्त हो गई थी, अब यहां प्रकट हुई है। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे “मां सरस्वती के दर्शन” बता रहे हैं। उनका कहना है कि अगर ये पानी सरस्वती नदी का है, तो राजस्थान को भविष्य में कभी भी पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
#WATCH जैसलमेर, राजस्थान: भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण ईणखिया ने कहा, "…लगभग 850 फीट की गहराई के बाद मोहनगढ़ में भूजल प्रवाहित होना शुरू हो गया था। उसकी गति इतनी ज्यादा थी कि भूजल सतह पर आकर बहने लगा था… ये स्थिति इस क्षेत्र में पहले भी हुई थी लेकिन वर्तमान में जिस तरह पानी बहा… https://t.co/d68am7ARg3 pic.twitter.com/OCQsafeSpm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 30, 2024
भूजल वैज्ञानिक का क्या कहना है?
भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण ईणखिया ने इस घटना पर कहा, “लगभग 850 फीट की गहराई पर मोहनगढ़ में भूजल का प्रवाह शुरू हुआ था। इसकी गति इतनी तेज थी कि पानी सतह पर आकर बहने लगा। हालांकि, ये स्थिति इस क्षेत्र में पहले भी देखी गई है, लेकिन इस बार पानी का प्रवाह पहले से कहीं ज्यादा है।”
स्थानीय लोगों में उत्साह
घटना के बाद इलाके में चर्चा का माहौल है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि ये जल स्रोत इलाके के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
भविष्य की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना की जांच की जानी चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि ये पानी किस स्रोत से आ रहा है। अगर ये सरस्वती नदी से जुड़ा होता है, तो ये राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक खोज हो सकती है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और लोगों की भावनाएं इस घटना को और भी खास बना रही हैं। क्या ये प्राचीन सरस्वती नदी की वापसी का संकेत है, या भूजल का असाधारण प्रवाह? इसका जवाब वैज्ञानिक शोध के बाद ही मिलेगा।