Hamas Meeting with LET: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम के बाद एक नई चिंता सामने आई है। जो भारत के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक इवेंट ऑर्गेनाइज कर रहे हैं। इसमें हमास के मेंबर्स भी शामिल होंगे। इस आयोजन की जगह रावलकोट बताई जा रही है, जो पहले से ही टेररिस्ट लॉन्चिंग पैड के रूप में जाना जाता है।
PoK में हमास की मौजूदगी क्यों है चिंता की बात?
PoK में हमास लीडर्स की मौजूदगी भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। सवाल उठता है कि क्या भारत को भी अब हमास को एक टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन घोषित कर देना चाहिए? अभी तक भारत ने हमास को आतंकी संगठन नहीं माना है, जबकि भारत का झुकाव हमेशा से फिलिस्तीन के सपोर्ट में रहा है। दूसरी ओर, इजरायल बार-बार भारत से ये मांग करता रहा है कि हमास को टेररिस्ट संगठन माना जाए। 2023 में इजरायल ने भारत से इसी तरह लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की थी।
JeM और Hamas की जॉइंट मीटिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, JeM और लश्कर-ए-तैयबा इस इवेंट में हमास के सपोर्ट में कैंपेन चलाएंगे। PoK के साबिर शहीद स्टेडियम में ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड अल-अक्सा फ्लड’ नाम से एक कॉन्फ्रेंस होने वाली है। इस मीटिंग में हमास से जुड़े पोस्टर भी नजर आए हैं, जिससे साफ है कि इस इवेंट में हमास की डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट हो सकती है।
Hamas और LeT की मुलाकात
पिछले साल अगस्त 2023 में हमास और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्ला खालिद के बीच कतर की राजधानी दोहा में एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग के बाद भारत ने अलर्ट जारी किया था। सैफुल्ला खालिद को 2018 में अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने टेररिस्ट घोषित किया था।
भारत की रणनीति क्या होनी चाहिए?
अब सवाल ये है कि भारत को इस नई चुनौती से कैसे निपटना चाहिए?
- क्या भारत को हमास को आतंकी संगठन घोषित कर देना चाहिए?
- क्या भारत को इजरायल की तरह हमास के खिलाफ सख्त स्टैंड लेना चाहिए?
- क्या PoK में हिंदुस्तान को अपनी स्ट्रैटेजी बदलनी होगी?