थाईलैंड में आयोजित ‘संवाद’ (Samvad) कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संकट (Environmental Crisis) और मानसिक तनाव (Mental Stress) जैसी समस्याओं का समाधान भगवान बुद्ध की शिक्षाओं में मिलता है।
“संयम और संतुलन से मिलेगी राह” – PM मोदी
PM मोदी ने कहा, “आज दुनिया केवल Countries या Communities के बीच ही नहीं, बल्कि Environmental Crisis जैसी चुनौतियों का भी सामना कर रही है। ये हमारी पूरी पृथ्वी के लिए एक खतरा बन चुका है।”
उन्होंने संयम (Restraint) और संतुलन (Balance) को बुद्ध की शिक्षाओं का आधार बताते हुए कहा, “बुद्ध का संदेश हमें Sustainability और Harmony के रास्ते पर चलना सिखाता है।”
“Environment से अलग नहीं, उसी का हिस्सा हैं हम”
PM मोदी ने Hinduism, Buddhism और अन्य Asian Traditions का जिक्र करते हुए कहा कि ये सभी परंपराएँ हमें Nature से जुड़कर रहने का संदेश देती हैं।
#WATCH थाईलैंड में आयोजित 'संवाद' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधन में कहा, "पर्यावरण संकट और तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान भगवान बुद्ध के शिक्षाओं में मिलता है। उनका संयम का सिद्धांत आज वैश्विक चुनौतियों का सामने करने में हमारा मार्गदर्शन… pic.twitter.com/QDSmSC2uKF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 14, 2025
“हमें खुद को पर्यावरण से अलग नहीं, बल्कि उसका ही एक हिस्सा समझना चाहिए। जब हम Nature के साथ Balance में रहेंगे, तभी Sustainable Future possible होगा।”
PM मोदी का संदेश Global Challenges और Environmental Protection पर गहरी सोच को दर्शाता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ Modern World में भी Relevance रखती हैं, खासकर जब Climate Change और Mental Well-being जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं।