Illegal Immigrants in India: अगर Foreigners Tribunal ने किसी को ‘Illegal Foreigner’ घोषित कर दिया है, तो उन्हें Deport करने में देरी क्यों? मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से यही सवाल पूछा।
Transit Camp में 270 Foreigners
असम के एक Transit Camp में 270 लोग बंद हैं, जिन्हें ‘Foreigners’ करार दिया जा चुका है। फिर भी, Deportation Process अब तक शुरू नहीं हो पाई है। डिटेंशन कैंप में रखे गए इन लोगों को Deport करना इतना आसान नहीं है। ये Diplomatic Issue है, जिसमें State Govt. की भूमिका सीमित होती है। असल में, Deportation का Key Role विदेश मंत्रालय (MEA) का होता है।
कौन हैं ये Foreigners?
👉 Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक,
✔️ 103 – Rohingya
✔️ 32 – Chinese
✔️ 1 – Senegalese
✔️ 133 – ‘Illegal Foreigners’ घोषित किए गए लोग
इन्हें Foreigners Act, Citizenship Act और Passport Act के तहत दोषी पाया गया और सजा दी गई। सजा पूरी होने के बाद ये अब Transit Camp में हैं, जहां से इन्हें Deport किया जाना है।
Foreigners Tribunal का Role
Foreigners Tribunals ये तय करते हैं कि कोई व्यक्ति Indian Citizen है या नहीं। दो तरह के केस Tribunal के पास आते हैं:
1️⃣ Border Police द्वारा भेजे गए Cases, जब किसी पर Illegal Foreigner होने का शक होता है।
2️⃣ Doubtful Voter Cases, जब मतदाता सूची में किसी का नाम ‘संदिग्ध’ रूप में लिस्ट किया जाता है।
Deportation में देरी क्यों?
अभी तक, इन Foreigners की वापसी की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। MEA को इसमें Foreign Governments से बातचीत करनी होगी, जो आसान नहीं है। अब देखना होगा कि Supreme Court के सवालों के बाद क्या Deportation Process तेज़ होती है या नहीं।