Mahakumbh 2025: नागा साधुओं का जीवन सादगी और कठिन तपस्या का प्रतीक है। इन साधुओं को strict rules के तहत एक दिन में केवल सात घरों से भिक्षा मांगने की अनुमति होती है। अगर इन घरों से भिक्षा नहीं मिलती, तो उन्हें खाली पेट ही रहना पड़ता है। नागा साधु (Naga Sadhu) दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं, जिसे वे खुद तैयार करते हैं।
Distinct Lifestyle and Warrior Skills
नागा साधु हमेशा naked (दिगंबर स्वरूप) रहते हैं और युद्ध कला में बेहद निपुण होते हैं। ये साधु विभिन्न Akhadas (अखाड़ों) में रहते हैं और खुद को धर्म के रक्षक मानते हैं। उनका मानना है कि धरती उनका बिछौना है और आकाश उनकी चादर। उनका ये minimalist lifestyle उन्हें दुनिया से अलग और अद्वितीय बनाता है।
17 Divine Accessories (शृंगार)
महाकुंभ और अन्य धार्मिक अवसरों पर नागा साधु अपने unique appearance के लिए मशहूर होते हैं। ये 17 प्रकार के शृंगार करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- Langot (loincloth)
- Bhasma (भभूत) और चंदन
- लोहे या चांदी के कड़े
- Panchkesh (पांच जटाएं)
- माथे पर Roli और तिलक
- Kajal और रुद्राक्ष की माला
- हाथों में चिमटा, डमरू और कमंडल
Symbol of Detachment and Strength
नागा साधु अपने दिगंबर स्वरूप के लिए प्रसिद्ध हैं, जो वैराग्य और आत्म-शक्ति का प्रतीक है। कुंभ मेले के दौरान इनकी उपस्थिति पूरे माहौल को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध कर देती है।
महाकुंभ जैसे आयोजनों में, नागा साधु न केवल अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से आकर्षण का केंद्र बनते हैं, बल्कि ancient Indian culture and traditions का एक अमूल्य हिस्सा भी हैं।