अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति Donald Trump आगामी 20 जनवरी को Inauguration Day के मौके पर राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे। इस खास दिन पर Washington, D.C. में एक भव्य समारोह का आयोजन होगा, जिसमें दुनियाभर के बड़े leaders और businessmen शामिल होंगे। भारत की ओर से External Affairs Minister S. Jaishankar इस समारोह में भारत की अगुवाई करेंगे। इसके अलावा, कई अन्य देशों के प्रमुखों के पहुंचने की संभावना है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर 20 जनवरी की तारीख अमेरिका के इतिहास में इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? आइए, जानते हैं इस दिन के पीछे की कहानी।
20 जनवरी: शपथ ग्रहण का ऐतिहासिक दिन
अमेरिका में हर राष्ट्रपति 20 जनवरी को ही शपथ लेते हैं। इसी परंपरा के तहत, डोनाल्ड ट्रंप भी 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। लेकिन सवाल उठता है कि 20 जनवरी को ही शपथ लेने की परंपरा कैसे शुरू हुई?
इसका जवाब अमेरिकी संविधान के 20वें संशोधन (20th Amendment) में छिपा है। इस संशोधन के तहत नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण की तारीख 20 जनवरी तय की गई। हालांकि, 1937 से पहले ये तारीख 4 मार्च होती थी। उस समय राष्ट्रपति के चुनाव और शपथ ग्रहण के बीच लगभग ढाई महीने का transition period होता था।
Franklin D. Roosevelt पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 20 जनवरी 1937 को शपथ ली थी। तभी से ये दिन अमेरिका के इतिहास में Inauguration Day के रूप में मनाया जाता है।
क्या है Inauguration Day?
अमेरिका में हर चार साल में नवंबर के पहले मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव होता है। इसके बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेते हैं।
संविधान के अनुसार, 1789 से 1933 तक शपथ ग्रहण की तारीख 4 मार्च थी। लेकिन 1933 में George Norris नामक सीनेटर की पहल पर संविधान में 20वां संशोधन किया गया। इसके तहत शपथ ग्रहण की तारीख को 4 मार्च से बदलकर 20 जनवरी कर दिया गया।
ये बदलाव transition period को छोटा करने और प्रशासनिक कामकाज में तेजी लाने के लिए किया गया था। इसके बाद, Franklin D. Roosevelt पहले राष्ट्रपति बने जिन्होंने 20 जनवरी को शपथ ली। तब से ये दिन हर राष्ट्रपति के लिए एक महत्वपूर्ण milestone बन गया।
20 जनवरी का महत्व
इस दिन को अमेरिका के लोकतंत्र का प्रतीक माना जाता है। सभी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति इस परंपरा का सम्मान करते हैं। Inauguration Day सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि peaceful transfer of power का प्रतीक है, जो अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है।
20 जनवरी न सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का दिन है, बल्कि ये दिन देश की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक प्रथाओं को भी दर्शाता है। इस साल डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के साथ एक और अध्याय इस गौरवशाली परंपरा में जुड़ जाएगा।