Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर बन रहा खास योग, ये है सरस्वती पूजन का महत्व

Basant Panchami HCN News
Facebook
X
LinkedIn
WhatsApp

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल ये तिथि 2 फरवरी 2025 को सुबह 9:14 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी 2025 को सुबह 6:52 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, वसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं ?

बसंत पंचमी को विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे विद्या, संगीत, कला और बुद्धि के आराध्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से विद्यार्थी, शिक्षक, कलाकार और संगीतकार इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं।

बसंत ऋतु का आगमन

इस पर्व के साथ ही प्रकृति में भी बदलाव शुरू हो जाता है। बसंत ऋतु का आगमन नई ऊर्जा और उल्लास का संकेत देता है। खेतों में सरसों के पीले फूल खिल उठते हैं, जो इस मौसम की पहचान माने जाते हैं। यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने की परंपरा है, जो खुशी, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

कौन मनाते हैं बसंत पंचमी?

भारत में ये पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सांस्कृतिक संस्थानों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर विधिपूर्वक पूजा की जाती है। बंगाल में इसे ‘सरस्वती पूजा’ के रूप में मनाया जाता है, जबकि उत्तर भारत में ये शिक्षा और शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

Related Posts