मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब इस 'Force' के हवाले संसद की सुरक्षा
Union Home Ministry has handed over the responsibility of security of Parliament to CISF. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ को सौंप दी है संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी.
संसद सुरक्षा में हुई चूक की हालिया घटना के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब संसद की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंप दिया है. अब तक दिल्ली पुलिस के जवाब संसद की सुरक्षा संभाल रहे थे.
जानकारी सामने आ रही है कि, नए और पुराने दोनों संसद परिसर और उनकी संबद्ध इमारतों को सीआईएसएफ के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा. जिसमें संसद सुरक्षा सेवा (PSS), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के संसद ड्यूटी समूह (PDG) के मौजूदा घटक भी मौजूद होंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को सीआईएसएफ को संसद भवन परिसर के सर्वेक्षण का निर्देश दिया था. ताकि, व्यापक आधार पर सीआईएसएफ सुरक्षा और दमकल शाखा की नियमित तैनाती की जा सके. केंद्र सरकार के मंत्रालयों की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ की सरकारी भवन सुरक्षा (जीबीएस) इकाई के विशेषज्ञ और वर्तमान संसद सुरक्षा टीम के अधिकारियों के साथ सीआईएसएस के अग्निशमन और बचाव अधिकारी इस सप्ताह के अंत में सर्वेक्षण शुरू करेंगे.
बता दें कि, लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति - सागर शर्मा और मनोरंजन डी. - शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन कक्ष में कूद गए थे और इस दौरान ‘केन’ से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए. दोनों को बाद में कुछ सांसदों ने पकड़ लिया था. लगभग उसी समय, संसद भवन परिसर के बाहर दो लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन किया था. चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है. उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.