कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, बृजभूषण के करीबी संजय सिंह भी सस्पेंड
Sports Ministry has canceled the recognition of Indian Wrestling Federation and suspended Sanjay Singh. खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता रद्द कर संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया है.
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नई संस्था की मान्यता रद्द कर दी है. कुश्ती महासंघ पर ये कार्रवाई राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने की 'जल्दबाजी' को लेकर हुई है. मंत्रालय ने WFI के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है. संजय सिंह को बीजेपी सांसद और पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी बताया जाता है.
दरअसल, जब से संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंग के लिए हुए चुनाव में जीत मिली और उनका अध्यक्ष बनना तय हुआ, तब से ही पहलवानों ने इस पर आपत्ति जताई थी. पहलवानों का कहना था कि संजय सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं और ऐसे में डब्ल्यूएफआई में किसी भी तरह के सुधार की उम्मीद नजर नहीं आती है. हालांकि, कुश्ती महासंघ की मान्यता को और संजय सिंह को जिस वजह से सस्पेंड किया गया है, वो बिल्कुल ही अलग मामला है.
नवनियुक्त कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी. इस टूर्नामेंट का आयोजन 28 दिसंबर से यूपी के गोंडा में होना था. सरकार की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि नेशनल चैंपियनशिप का एलान जल्दबाजी में किया गया है और उसके लिए सही प्रक्रिया का पालन भी नहीं हुआ. मंत्रालय के मुताबिक, इस तरह की प्रतियोगिता से पहले कम से कम 15 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है, ताकि पहलवान इसके लिए तैयारी कर सकें.
किन वजहों से हुई कार्रवाई?
दरअसल, खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को कुश्ती महासंघ और इसके नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया. मंत्रालय का कहना है कि डब्ल्यूएफआई ने मौजूदा नियम-कायदों की उपेक्षा की है. आधिकारिक प्रेस रिलीज में खेल मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने का ऐलान जल्दबाजी में किया गया और नियमों का पालन नहीं हुआ. इस प्रतियोगिता का आयोजन उत्तर प्रदेश के गोंडा में होना था, जो बृजभूषण सिंह का इलाका है.
मंत्रालय ने कहा कि, नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को ऐलान कर दिया कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के अंत से पहले शुरू हो जाएंगी. मगर ये नियमों के खिलाफ है, क्योंकि प्रतियोगिता शुरू करने के लिए कम से कम 15 दिन के का नोटिस देना होता है, ताकि पहलवान तैयारी कर सकें. मंत्रालय ने आरोप लगाया कि नई संस्था पूरी तरह से पुराने पदाधिकारियों के कंट्रोल में दिखाई पड़ता है, जिन पर पहले ही यौन उत्पीड़न के आरोप हैं.
प्रेस रिलीज में आगे कहा गया, 'ऐसा प्रतीत होता है कि नवनिर्वाचित संस्था खेल संहिता की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के कब्जे में है. कुश्ती महासंघ का काम पुराने पदाधिकारियों के परिसरों से चल रहा है. इसमें वे परिसर भी शामिल हैं, जहां महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात कही गई है. वर्तमान में अदालत में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है.'
साक्षी मलिक ने उठाए थे कुश्ती प्रतियोगिता पर सवाल
ओलंपिक पदक विजेता और बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा था कि मैंने भले ही कुश्ती छोड़ दी है, मगर मैं कल रात से ही काफी परेशान हूं. जूनियर महिला पहलवान मुझे बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख को जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नंदनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला किया है.
साक्षी ने आगे कहा कि गोंडा बृजभूषण का इलाका है. आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा क्या कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है. समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं. साक्षी के अलावा बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसी महिला पहलवानों ने भी बृजभूषण सिंह पर सवाल उठाए हैं.