सड़क पर गिरी फोटो ने बदली थी इस हीरोइन की तकदीर, जीते दो नेशनल अवॉर्ड, 31 की उम्र में ही दुनिया से हुईं रुखसत
31 साल की उम्र में ही दुनिया से मुंह मोड़ने वाली एक्ट्रेस ने दो नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए। अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर ये देश की सबसे दमदार एक्ट्रेसेज में से एक बनीं। इनकी किस्मत चमकने का किस्सा काफी मजेदार हैं।
महज 31 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह देने वाली स्मिता पाटिल को कौन भूल सकता है। एक्ट्रेस ने अपने सदाबहार किरदारों से लोगों के दिलों को जीता। आज भी उनकी बेजोड़ एक्टिंग का कोई जवाब नहीं है। बेहद खूबसूरत अभिनेत्री स्मिता पाटिल ने कुछ ही फिल्मों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा लिया था और अपने हर रोल में ऐसी जान फूंकी कि आज भी लोग उनकी फिल्मों को बार-बार देखते हैं। स्मिता पाटिल ही वो हीरोइन थी जो विमेन सेंट्रिक फिल्मों का भारत में दौर लेकर आईं। हर रोल में एक नए अंदाज में नजर आने वाली स्मिता पाटिल ने छोटे से करियर में दो नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए। आज पूरा देश स्मिता को याद कर रहा है। 17 अक्टूबर को उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। इस खास मौके पर हम उनकी जिंदगी के उस पहलू से रू-ब-रू कराएंगे जिसे कम ही लोग जानते हैं।
एक फोटो ने बदली किस्मत
बड़ी-बड़ी आंखें, नूरानी चेहरा, दर्द भरे किरदार और चेहरे पर गंभीरता वाली ये एक्ट्रेस दर्शकों को सीट से बांधने में हमेशा कामयाब रहीं। आर्ट सिनेमा से भारत को मुखातिब कराने वाली अभिनेत्रियों में ये हमेशा चंद अग्रणिय में गिनी जाएंगी। पर्दे पर उनकी फिल्म चल रही हो तो देखने वाले बस देखते ही रह जाते हैं। आलम ये है कि उनकी फिल्म आंखों में आंसू ला देती है और बदलाव के लिए सोचने पर मजबूर करती है। हर सीन, हर हावभाव को न चाहते हुए दर्शक ध्यान के साथ देखने के लिए मजबूर होता है। यही तो स्मिता पाटिल की खूबी है। अभिनय की दुनिया में कमाल करने वाली स्मिता पाटिल पहले एक पत्रकार थी। उन्हें न्यूज एंकर के रूप में देखा गया। वैसे किस्मत की स्मिता काफी धनी रहीं, सड़क पर गिरी उनकी तस्वीरें दूरर्दशन के निदेशक को पसंद आ गई थी। फिर क्या था उन्हें टीवी पर चमकने का मौका मिला, यहीं से पर्दे पर निखरने का सिलसिला शुरू हुआ।
मजेदार है किस्सा
17 अक्टूबर 1955 को मुंबई में जन्मीं वर्सेटाइल अभिनेत्री स्मिता पाटिल की पढ़ाई मराठी मीडियम स्कूलों में हुई। पढ़ाई के बाद वह मुंबई दूरदर्शन में मराठी एंकर बनीं। स्मिता पाटिल की जीवनी मैथिली राव ने ‘स्मिता पाटिल अ ब्रीफ इनकैनडिसेंस’ नाम से लिखी है, जिसमें उन्होंने स्मिता पाटिल से जुड़े कई मजेदार किस्से सुनाए हैं। मैथिली राव ने स्मिता की जीवनी में बताया था कि स्मिता की एक दोस्त ज्योत्सना किरपेकर बंबई दूरदर्शन में समाचार पढ़ा करती थी और उनके पति का नाम दीपक किरपेकर था, जो पेशे से फोटोग्राफर थे और वह अक्सर स्मिता की तस्वीरें खींचते थे।।
एक तस्वीर ने बदली किस्मत
इसी दौरान एक बार दीपक उनकी तस्वीरें लेकर दूरदर्शन केंद्र गए, जहां प्रवेश करते समय ही स्मिता की तस्वीरें गिर गई। वह तस्वीरों को वहीं समेटने लगे और इसी दौरान वहां से गुजर रहे मुंबई दूरदर्शन के निदेशक पीवी कृष्मामूर्ति की नजर तस्वीर पर पड़ी। अचानक ही उन्होंने पूछा कि यह किसकी तस्वीरें हैं? फिर क्या था? दीपक ने उन्हें स्मिता के बारे में बताया और उन्होंने कहा कि वो उनसे मिलना चाहते हैं। वैसे स्मिता इस काम के लिए तैयार नहीं थीं और वह काफी मान-मनौव्वल के बाद इस काम के लिए तैयार हुईं। ऑडिशन में जब स्मिता से पसंद की कोई चीज सुनाने के लिए कहा गया तो उन्होंने कुछ और नहीं बांग्लादेश का राष्ट्र गान आमार शोनार ही सुना दिया, जो बांग्ला में था। निदेशक को उनकी आवाज भा गई। उन्होंने तत्काल उन्हें न्यूज एंकर अपॉइंट कर दिया। इसके बाद स्मिता मुंबई दूरदर्शन में मराठी में समाचार पढ़ने लगी थीं।
ऐसे मिली पहली फिल्म
स्मिता के एक्टिंग करियर को भी यहीं से शानदार मौका मिला। लोकप्रिय फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने भी स्मिता को पहली बार टीवी पर खबरें पढ़ते ही देखा था। इसके बाद उन्होंने अपनी फिल्म में उन्हें किरदार देने का मन बना लिया था। कह लें कि स्मिता एक्सिडेंटल न्यूज एंकर से एक्सिडेंटल बनीं, लेकिन दोनों ही क्षेत्र में उन्होंने अपना दमखम दिखाया। स्मिता पाटिल ने पहले से शादीशुदा एक्टर राज बब्बर से शादी की, दूसरी पत्नी कहलाईं। राज बब्बर से उन्हें एक बेटा प्रतीक बब्बर हुआ। स्मिता महज 31 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गईं। चाइल्ड बर्थ कॉम्प्लिकेशन्स के चलते एक्ट्रेस का 13 दिसंबर 1986 को निधन हो गया।