संयुक्त किसान मोर्चा ने किया दिल्ली चलो का आह्वान, इन मांगो को लेकर होगा विरोध
किसानों ने 26 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है. Farmers have called for Delhi Chalo on 26th February
किसानों का गैर राजनीतिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने बेंगलुरू में कहा कि अपनी सात प्रमुख मागों को लेकर एक बार फिर वो दिल्ली का रुख करेंगे. किसानों ने 26 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान किया है. इस दौरान डेढ़ महीने के अंतराल में देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 किसान पंचायतों का आयोजन किया जाएगा.
इससे पहले पिछले 15 दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों इंदौर, भुनेश्नवर, लुधियाना, मोगा, पलक्कड़, चेन्नई और बेंगलुरु में छह किसान महापंचायतों का आयोजन पहले ही किया जा चुका है.
मोर्चा के मुताबिक, जिन मांगों को लेकर दिल्ली चलो का आह्वान किया गया है, उनमें किसानों को C2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी दिए जाने की मांग की गई है. इसकी गारंटी के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए. इसके साथ ही कहा गया है कि सभी किसानों को कर्ज माफी का लाभ देते हुए उनके कृषि ऋण माफ किए जाएं.
मोर्चा ने मांग रखी है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2015 को एक मॉडल के रूप में लेते हुए राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू किया जाना चाहिए ताकि किसी भी भूमि अधिग्रहण से पहले 70 प्रतिशत किसान की लिखित अनुमति और आधार दर से चार गुना ब्याज सहित मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके.
इसके अलावा किसानों ने मांग रखी है कि बिजली बोर्डों का कोई निजीकरण नहीं किया जाना चाहिए, कृषि और खुदरा क्षेत्र को केवल छोटे उद्यमों के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए साथ ही कृषि और ई-कॉमर्स सहित खुदरा क्षेत्र के सभी प्रारूपों में एफडीआई पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की गई है.
लंबित है किसानों का मुआवजा
किसानों का कहना है कि पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों की अदालतों में सभी किसानों के खिलाफ मामले अभी भी वापस नहीं लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि उन मामलों में भी मुआवजा लंबित है जहां प्रदर्शनकारी किसान घायल हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ''लखीमपुर खीरी नरसंहार में अपने प्रियजनों को खोने वाले किसान परिवारों के लिए न्याय, जिसमें नरसंहार के मुख्य अपराधी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी भी शामिल है, अभी भी लंबित है.