Dashrath Shani Strota: सभी संकटों से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो शनिवार के दिन करें दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ
Dashrath Krit Shani Strota धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो शनिवार के दिन पूजा के समय दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
Dashrath Krit Shani Strota धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो शनिवार के दिन पूजा के समय दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Dashratha Shani Sotra: सनातन धर्म में शनिवार के दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि हेतु उपासक व्रत भी रखते हैं। शास्त्रों में निहित है कि शनिदेव कर्मफल दाता हैं। आसान शब्दों में कहें तो व्यक्ति द्वारा किए गए कर्मों के अनुरूप शनिदेव फल देते हैं। शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले को अपनी कृपा-दृष्टि से धनवान बना देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। एक बार शनिदेव की कुदृष्टि व्यक्ति पर पड़ जाती है, तो उसके जीवन में केवल अमंगल ही अमंगल होता है।
प्राचीन समय में न्याय के देवता शनिदेव ने राजा विक्रमादित्य की कठिन परीक्षा ली थी। इसका वर्णन यक्षज्ञान द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से शनि देव की पूजा-उपासना करते हैं। इस समय अनजाने में किए हुए पाप और अपराध हेतु क्षमा याचना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में व्यक्ति को मन मुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी शनि देव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन पूजा के समय दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें। दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं-
दशरथकृत शनि स्तोत्र
दशरथ उवाच:
प्रसन्नो यदि मे सौरे ! एकश्चास्तु वरः परः ॥