देखने और सुनने के लिए हजारों की भीड़, कौन है जैसलमेर लोकसभा के उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी?
रविंद्र सिंह भाटी पश्चिमी राजस्थान के इंडो - पाक बॉर्डर से सटे बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से आने वाले निर्दलीय विधायक है, जो वर्तमान में बाड़मेर - जैसलमेर लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी को सीधे तौर पर चुनौती दे रहे हैं. Ravindra Singh Bhati is an independent MLA from Shiv assembly of Barmer district adjacent to the Indo-Pak border of western Rajasthan, who is currently directly challenging Modi government minister Kailash Choudhary as an independent candidate on the Barmer-Jaisalmer Lok Sabha seat. Have been.
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे.
वहीं रविंद्र सिंह भाटी, राजस्थान के बाड़मेर जिले का 26 साल का युवक, जिसे सुनने और देखने के लिए आज हजारों की संख्या में देश के कई हिस्सों से लोग आ रहे हैं. दरअसल, रविंद्र सिंह भाटी पश्चिमी राजस्थान के इंडो - पाक बॉर्डर से सटे बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से आने वाले निर्दलीय विधायक है, जो वर्तमान में बाड़मेर - जैसलमेर लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी को सीधे तौर पर चुनौती दे रहे हैं.
ABVP से बगावत
भाटी की चर्चा उस समय सबसे ज्यादा होने लगी जब नामांकन के दौरान भाटी को सुनने और देखने के लिए जनसैलाब सड़कों पर उतर गया. इसी जनसैलाब ने पूरे देश में इस युवा नेता चर्चित उम्मीदवार बना दिया. बता दें, साल 2019 में भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में ABVP से टिकट की दावेदारी रखी. लेकिन, ABVP ने किसी और को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इसी से नाराज भाटी ने ABVP से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और यूनिवर्सिटी के 57 साल के इतिहास को बदलकर पहली बार निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए. आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा.
बैलेट नम्बर 09, चुनाव चिन्ह : सेब pic.twitter.com/eCVzOcyant
— Ravindra Singh Bhati (@RavindraBhati__) April 8, 2024
BJP से की बगावत
2022 कॉलेज इलेक्शन के दौरान भाटी के दोस्त अरविंद सिंह भाटी को जब NSUI ने टिकट नहीं दिया तो अरविंद सिंह भाटी को SFI से चुनाव लड़ा कर NSUI और ABVP को बुरी तरीके से हराकर अरविंद सिंह भाटी को चुनाव जीता दिया. उसी दिन से ही राजस्थान में इस युवा की चर्चा और ज्यादा तेज हो गई. इसके बाद भाटी BJP ज्वॉइन करना चाहते थे लेकिन कुछ BJP के बड़े नेताओं ने ऐसा होने नहीं दिया.
कौन है रविंद्र सिंह भाटी?
राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा के छोटे से गांव दूधोड़ा के सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले रविंद्र सिंह भाटी एक शिक्षक के बेटे हैं. जिसके परिवार का राजनीति से दूर तक कोई नाता नहीं रहा है. रविंद्र सिंह ने अपने गांव के स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की उसके बाद बाड़मेर शहर में रहकर पढ़ाई की. फिर पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन किया और वकालत भी किया. यही से उन्होंने छात्र राजनीति की शुरूआत की और तीन तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के तौर पर रहे.