पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया ऐसा बयान, मचा बवाल

सोमवार को पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने दो विवादित बयानों से विपक्ष के निशाने पर रहे. On Monday, Chief Minister Bhagwant Mann was the target of opposition due to his two controversial statements in the Punjab Assembly.

पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया ऐसा बयान, मचा बवाल

सोमवार को पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने दो विवादित बयानों से विपक्ष के निशाने पर रहे. सबसे पहले भगवंत मान ने विधानसभा स्पीकर को एक ताला-चाबी देकर कहा कि वह विधानसभा के दरवाजे बंद कर दें ताकि कांग्रेस सदस्य वर्कआउट ना कर सकें, वहीं दूसरा विवादित बयान उस वक्त आया जब आदमपुर से कांग्रेस के दलित विधायक सुखविंदर कोटली ने दलितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया.  

क्या कहते है सुखविंदर कोटली?  

इस पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया. सुखविंदर कोटली मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कई बार भावुक हुए और मुख्यमंत्री को चैलेंज किया कि अगर दम है तो उनके साथ चुनाव के मैदान में आएं. उधर वॉकआउट करने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने मुख्यमंत्री से अपने विवादित बयान पर माफी मांगने को कहा.    

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ऐसा क्या हुआ पंजाब विधानसभा में? 

भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण को रोकने के लिए विपक्षी विधायकों की आलोचना की और सदन में चर्चा की मांग की. आप विधायकों के अनुरोध पर स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने सत्र की शुरुआत में 'प्रश्नकाल' और 'शून्यकाल' लेने की परंपरा से हटकर, राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान पर चर्चा की अनुमति दी.  

शुरु हुआ बयान पर बवाल

चर्चा शुरू होने से पहले, भगवंत मान ने अध्यक्ष को एक "ताला-चाबी" वाला एक लिफाफा दिया, जिसमें उनसे सदन का दरवाजा अंदर से बंद करने को कहा ताकि विपक्षी सदस्य चर्चा के दौरान बाहर न निकल सकें. मान ने स्पीकर से कहा, "मैं सच बोलूंगा और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. ताला लगा दो ताकि वे भाग न जाएं." विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मान से कहा कि वे भागेंगे नहीं. इसके बाद अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. आप के सदस्य विपक्षी बेंच की ओर दौड़ पड़े और इससे दोनों पक्षों के भिड़ने का सिलसिला रुक गया.