रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी कर रहे कठिन नियमों के पालन के साथ की खास तैयारी।
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं. Prime Minister Narendra Modi is strictly following all the rules for the Pran Pratistha ritual to be held in Ayodhya on January 22.
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, पीएम प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के जरूरी नियमों का खास ख्याल रख रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सिर्फ नारियल पानी पी रहे हैं और जमीन पर कंबल बिछाकर सो रहे हैं. आज यम-नियम अनुष्ठान का आठवां दिन है और प्रधानमंत्री ने अब तक अन्न का एक दाना नहीं नहीं खाया है. कहते हैं यम-नियम का पालन करना बहुत कठिन होता है. इन कठिन नियमों का पालन करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री अपने सरकारी कामों को भी पूरा कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने पिछले एक हफ्ते में महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश का दौरा भी किया है. "गौ-पूजा" कर गायों को खाना भी खिला रहे हैं और 'अन्नदान' और शास्त्रों के अनुसार कपड़े देने जैसे विभिन्न प्रकार के दान में भी लगे हुए हैं. एक कट्टर "राम भक्त" के रूप में, मोदी पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों का दौरा कर रहे हैं, जिनमें नासिक में रामकुंड और श्री कालाराम मंदिर, आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर, गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर शामिल हैं.
अगले दो दिनों भी मंदिरों का दौरा करेंगे
वहीं आने वाले अगले दो दिनों में नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कई और मंदिरों का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि ये मंदिर न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में काम करते हैं बल्कि इनका भगवान राम से भी संबंध है. उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में उनका देश भर के मंदिरों का दौरा करना और कई भाषाओं में रामायण सुनेंगे और मंदिरों में भजनों में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों का उद्देश्य 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के उनके दृष्टिकोण के अनुरूप "भारतीय" सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करना है.
उन्होंने मंदिरों की सफाई के लिए भी पहल शुरू की और एक जन आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए उदाहरण पेश करने के प्रयास में नासिक में श्री कालाराम मंदिर के परिसर की सफाई की. "लाखों लोगों ने स्वेच्छा से मंदिरों की सफाई का काम किया. इस आंदोलन में देश के सभी क्षेत्रों के लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई है. मशहूर हस्तियों से लेकर आम आदमी तक, सभी ने मोदी के आह्वान को अपना समर्थन दिया.