आखिर क्या संबंध है PM Modi और बुलंदशहर का.... जनसभा के लिए क्यों चुना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से लोकसभा चुनाव 2024 का आरंभ करेंगे. Prime Minister Narendra Modi will begin Lok Sabha elections 2024 from Bulandshahr in Uttar Pradesh today.
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हो चुकी है. अब भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 का आरंभ के साथ घोषणा करने जा रही है. इसके लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रैली आयोजित की गई है.
लेकिन बुलंदशहर ही क्यों? भाजपा सूत्रों के अनुसार, चुनावी बिगुल फूंकने के लिए बुलंदशहर को ही चुना गया, क्योंकि यह शहर भाजपा के लिए हमेशा से ही लकी रहा है.
VIDEO | “PM Modi will inaugurate several developmental projects (during his visit to Bulandshahr on January 25) and will address a public rally. Taking guidance from PM Modi and CM Yogi, we (BJP unit of Hapur, Bulandshahr and nearby areas) will go to the public (with our… pic.twitter.com/ezoyjxWBNw
— Press Trust of India (@PTI_News) January 24, 2024
BJP रिस्क नहीं लेना चाहती
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इसी शहर से चुनाव का आरंभ किया था और वेस्ट UP में क्लीन स्वीप किया था, जबकि 2019 में सहारनपुर से चुनावी शंखनाद करने से भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा था, क्योंकि हैट्रिक बनाने की कोशिश है, इसलिए भाजपा रिस्क नहीं लेना चाहती.
उत्तर प्रदेश में 80 सीटें जीतने का टारगेट है और हमेशा से ही बुलंदशहर भाजपा का मजबूत गढ़ है. इस शहर के सभी 8 विधायक भाजपा के ही हैं. इसका मुख्य कारण इस शहर के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह है, जिस वजह से उनके समर्थकों का वोट भाजपा को ही मिलता रहा है.
VIDEO | PM @narendramodi arrives in Bulandshahr, UP, where he will launch various development projects shortly. pic.twitter.com/Q4vtnx4e3j
— Press Trust of India (@PTI_News) January 25, 2024
बुलंदशहर में BJP की स्थिति
2014 में भाजपा ने बुलंदशहर से चुनावी बिगुल बजाया जिसके बाद भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सभी 14 सीटों के साथ मुस्लिम सीटें भी जीती. 2019 में बसपा, सपा, रालोद में गठबंधन हुआ, लेकिन भाजपा ने सहारनपुर से चुनावी शंखनाद किया. इससे भाजपा सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, नगीना, संभल, रामपुर लोकसभा सीटें हार गई.
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने इस हार का कारण चुनावी शंखनाद करने के लिए शहर बदलने की रणनीति को बताया इसलिए हैट्रिक लगाने का टारगेट लेकर चली भाजपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती.