कभी ना भूलने वाला रचा था इतिहास, इसलिए जरूरी है BJP के लिए वाराणसी संसदीय क्षेत्र
12 से 14 मई के बीच मोदी वाराणसी में नामांकन के लिए पहुंच सकते हैं, जिसके साथ वाराणसी में सातवें और आखिरी राउंड में होने वाली है यानी 1 जून को यहां पर वोटिंग होनी है. Modi can reach Varanasi for nomination between 12th and 14th May, with the seventh and last round of voting taking place in Varanasi i.e. on 1st June.
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे.
PM Modi तीसरी बार वाराणसी से जीत के लिए कमर कस चुके हैं. उन्होंने यहां से साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. वहीं अब वह यहां हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे हैं. 12 से 14 मई के बीच मोदी वाराणसी में नामांकन के लिए पहुंच सकते हैं, जिसके साथ वाराणसी में सातवें और आखिरी राउंड में होने वाली है यानी 1 जून को यहां पर वोटिंग होनी है.
कांग्रेस बनाम बीजेपी
सन् 1957 में वाराणसी सीट अस्तित्व में आई थी. तब से लेकर कम्युनिस्ट और कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा. 15 साल बाद यानी साल 2004 कांग्रेस को वाराणसी क्षेत्र में जीत मिली थी. वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं. साल 1957 के बाद से कांग्रेस ने 6 बार और BJP ने 7 बार इस सीट पर जीत हासिल की है.
BJP का कभी ना भूलने वाला इतिहास
साल 1991 में BJP सत्ता में आई और साल 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने यहां से चुनाव जीता और फिर से यह सीट BJP के खाते में आ गई. साल 2014 में जब पीएम मोदी ने यहां से चुनाव लड़ा था तब उनके सामने कांग्रेस के अजय राय और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल थे. पीएम मोदी ने तब 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर एक अलग और कभी ना भूलने वाला इतिहास रचा था. वहीं साल 2019 में पीएम मोदी ने 4,79, 505 वोटों से जीत हासिल की. उन्हें कुल 6,74,664 वोट मिले थे.