विधायकों के न आने से Champai Soren की बढ़ी चिंता, पास करना होगा फ्लोर टेस्ट।

झारखंड में चंपई सोरेन को 5 फरवरी को अपना बहुमत साबित कर सत्ता में आना है. In Jharkhand, Champai Soren has to come to power by proving his majority on 5th February.

विधायकों के न आने से Champai Soren की बढ़ी चिंता, पास करना होगा फ्लोर टेस्ट।

झारखंड में चंपई सोरेन ने भले ही सीएम पद की शपथ ले ली, लेकिन अभी तक झारखंड में राजनीतिक संकट खत्म नहीं हुआ है. नए मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती फ्लोर टेस्ट है. हैदराबाद में जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायक भेजे गए हैं, जिसे लेकर चंपई सोरेन की चिंता बढ़ गई है.  

झारखंड में इंडिया गठबंधन को अपनी सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों के बहुमत की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 36-37 विधायक ही हैदराबाद पहुंचे हैं, जबकि कुछ MLAs अभी तक नहीं पहुंचे है. चंपई सरकार का फ्लोर टेस्ट 5 जनवरी को होना है, वहीं सीएम पद से इस्तीफा देने से पहले हेमंत सोरेन ने समर्थन पत्र में 42-43 विधायकों के हस्ताक्षर करवा लिए थे, जिसके बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 42-43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था. 

पर्याप्त विधायक नहीं हैं

इस पर राज्यपाल ने शुक्रवार को चंपई सोरेन के साथ कांग्रेस और राजद के विधायकों को शपथ दिलाई थी. अगर हैदराबाद पहुंचे विधायकों की संख्या पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं हैं, लेकिन अब सावल ये है कि बाकी के विधायक कहां गए? सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए कुछ विधायक झारखंड में रुके हुए हैं. 

कानून के हवाले करने से पहले हुआ ये 

झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है कि खुद को कानून के हवाले करने से पहले मौजूदा सीएम ने चंपई सोरेन को सत्ता की चाबी सौंप दी है. महागठबंधन के विधायकों ने इस पर सहमति जताई थी, अगर राज्यपाल ने जल्द ही फ्लोर टेस्ट करा लिया होता तो आज विधायकों को हैदराबाद भेजने की जरूरत नहीं होती.