साल 2024 के पहले दिन भारत ने रचा इतिहास, ISRO का XPoSat मिशन लॉन्च, जानें इसका मिशन
नए साल के पहले दिन आज ISRO ने एक्सपो सेट मिशन लॉन्च किया जो ब्रह्मांड के के साथ अंतरिक्ष में रेडिएशन की स्टडी करेगा. Today, on the first day of the new year, ISRO launched the Expo Set mission which will study the radiation in space along with the universe.
ISRO ने नए साल के पहले दिन ही इतिहास रच भारत का नाम रोशन दिया है. ISRO ने साल के पहले दिन दुनिया का दूसरा और देश का पहला XPoSat लॉन्च किया जो पल्सर, ब्लैक होल्स, आकाशगंगा और रेडिएशन आदि की स्टडी करेगा. इसे आज सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया.
इस सैटेलाइट का पूरा नाम एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) है. इसके साथ ही 10 अन्य..पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं. इस सैटेलाइट में ISRO ने दो पेलोड और एक्सपेक्ट भी लगाए हैं. यह PSLV श्रृंखला का 60वां लॉन्चिंग रॉकेट है जिसकी लाइफ पांच साल की है. XPoSat की लॉन्चिंग से एक दिन पहले वैज्ञानिकों ने तिरुपति में वेंकटेश्वर भगवान की पूजा भी की.
#WATCH | PSLV-C58 XPoSat Mission launch | ISRO launches X-Ray Polarimeter Satellite (XPoSat) from the first launch-pad, SDSC-SHAR, Sriharikota in Andhra Pradesh.
— ANI (@ANI) January 1, 2024
(Source: ISRO) pic.twitter.com/ws6Ik0Cdll
साल 2017 में हुई मिशन की शुरूआत
ISRO ने नासा के बाद दुनिया का दूसरा इमेजिंग XPoSat मिशन लॉन्च किया हैइस सैटेलाइट में स्पेस टेक स्टार्टआप ध्रुव स्पेस, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस भी रॉकेट के साथ भेजे हैं. इसमें लगे टेलिस्कोप को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है. इस मिशन की शुरूआत ISRO ने साल 2017 में की थी.
खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करेंगा
यह सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में 650 किमी. तक स्थापित करने के बाद रॉकेट ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्रोतों की स्टडी करेगा. इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करना है. यह सैटेलाइट न्यूट्रॉन स्टार्स, ब्लैकहोल, पल्सर विंड नेबुला और उससे निकलने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा, इसके एनिमेशन को समझना बड़ा ही मुश्किल होता है क्योंकि इसका निर्माण फिजिकल प्रोसेस के जरिए होता है.