सामाजिक मुद्दों का आईना है फिल्म 'सजिनी शिंदे का वायरल वीडियो'
सजिनी शिंदे का एक प्राइवेट वीडियो वायरल हो जाने पर कोई उसकी मदद नहीं करता जिससे परेशान होकर एक नोट लिखकर लापता हो जाती है. When a private video of Sajini Shinde goes viral, no one helps her, due to which she gets upset and goes missing after writing a note.
‘सजिनी शिंदे का वायरल वीडियो‘ फिल्म का नाम सुन ऐया लग सकता है कि सोशल मीडिया पर कोई ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें किसी लड़का या लड़की की इज्जत, आत्मसम्मान की धज्जियां उड़ाई जा रही हो और हम इस वीडियो को देख कर ‘मजे’ ले रहे हो. लेकिन असल ज़िंदगी में ऐसा कुछ नहीं हुआ.
27 अक्टूबर, 2023 को रिलीज हुई फिल्म ‘सजिनी शिंदे का वायरल वीडियो‘ अब Netflix पर रिलीज हुई है. ये एक ऐसी फिल्म है जो हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जिन वीडियो को देखकर हम लुत्फ उठाते हैं, वो कैसे किसी की जिंदगी बर्बाद कर सकती है.
अहम भूमिका में दिखी राधिका मदन
फिल्म की शुरुआत होती है महान दार्शनिक लूसियस सेनेका के एक Quote से, ‘कभी कभी सिर्फ जीना भी साहस का काम होता है.' और कहीं न कहीं यह वाक्य सच भी है. फिल्म की अहम भूमिका में 'राधिका मदन' सजिनी शिंदे एक टीचर के रोल में है. पिता मराठी थिएटर के बड़े कलाकार हैं और Male Dominance में विश्वास रखते हैं. इन सबके बीच सजिनी शिंदे, एक अच्छी टीचर, अच्छी पत्नी और अच्छी बेटी बनना चाहती है.
सामाजिक मुद्दों को दर्शाती फिल्म
गलती से सजिनी की एक वीडियो हो जाती है, जो तेजी से वायरल भी हो जाता है. ऐसे में सजिनी अपने पिता, मंगेतर, स्कूल और दोस्तों से मदद की उम्मीद करती है पर कोई उसका साथ नहीं देता. परेशानियों से थक कर अचानक फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर लापता हो जाती है.
सुसाइड, हत्या या फिर लापता इस गुत्थी को सुलझाने के लिए एंट्री होती है एक्सपर्ट मुंबई पुलिस की बेला के रोल में निमरत कौर की, सामाजिक मुद्दों को दर्शाती इस फिल्म में सस्पेंस भी है. ‘ये औरत कार्ड आधार कार्ड नहीं है जो हर जगह चल जाएगा’ फिल्म का इस तरह के कई ऐसे डायलॉग भी हैं, जो फेमिनिज्म के दिखावे पर सवाल उठाते हैं.