महुआ मोइत्रा को नहीं लिखनी आती अंग्रेजी? निशिकांत दुबे ने ले लिए मजे

BJP MP Nishikant Dubey targets TMC MP Mahua Moitra. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर साधा निशाना.

महुआ मोइत्रा को नहीं लिखनी आती अंग्रेजी? निशिकांत दुबे ने ले लिए मजे

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के लगे आरोप को लेकर बयानबाजी शुक्रवार (27 अक्टूबर) को भी जारी रही. मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी को लिखे लेटर में आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे पर कटाक्ष किया. इसको लेकर निशिकांत दूबे ने तंज कसा. 

मोइत्रा ने  लोकसभा की आचार समिति को लिखे लेटर में कहा कि, वो 31 अक्टूबर को पेश नहीं हो सकेगी. पांच नवंबर के बाद ही पेश होंगी. उन्होंने इसमें मामले की शिकायत करने वाले निशिकांत दुबे को 'दुबई' कह दिया. इसपर दुबे ने कहा कि, उनका नाम बदलकर 'दुबई' करना इनकी मानसिक स्थिति का वर्णन है. 

निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'आरोपी सांसद पर दुबई का इतना नशा है कि मेरा भी नाम एथिक्स कमेटी के चेयरमैन को लिखे पत्र में दुबई कर दिया है. मोहतरमा ने मेरा दुबे नाम बदलकर अपने मानसिक स्थिति का वर्णन कर दिया है. हाय रे क़िस्मत?''

निशिकांत दुबे ने क्या कहा? 

दुबे ने आगे कटाक्ष करते हुए कहा, ''दुबई दीदी (महुआ मोइत्रा) ने कुछ लोगों को Cross examination के लिए कहा. लोकसभा के नियमों खासकर कौल-शकधर किताब के पेज 246 के तहत Witness कोर्ट, कचहरी, हल्ला गुल्ला से protected है.  खाता ना बही दुबई दीदी जो कहे वही सही. जबाब राष्ट्रीय सुरक्षा व भ्रष्टाचार का चाहिए है. यहां तो अखाड़ा की तैयारी है.'' 

उन्होंने कहा कि, एक और  जब संसद का मेल आईडी या मेंबर पोर्टल किसी सांसद को मिलता है तो हम नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के साथ एक करार करते हैं. इसका पहला ही बिंदु यह है कि इस मेल आईडी और पासवर्ड  को गोपनीय रखा जाएगा और इसे किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा. मैंने तो सोच समझकर इस करार पर हस्ताक्षर किया. डिग्री वाली ने पढ़ा कि, नहीं या चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा बेच दी? 

मामला क्या है?

निशिकांत दुबे ने हाल ही में आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए.

इसके बाद दर्शन हीरानंदानी का साइन किया एफिडेविट सामने आया. इसमें उन्होंने कहा कि मोइत्रा ने अडानी ग्रुप के मामले में पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए पैसे लिए थे.  हीरानंदानी ने दावा किया था ‘‘ उन्होंने (मोइत्रा) ने मुझे अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया ताकि आवश्यकता पड़ने पर मैं सीधे उनकी ओर से प्रश्न पोस्ट कर सकूं. ’’